इमर्जिंग कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस पर एएमयू के कम्प्यूटर साइंस विभाग में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

अलीगढ़, 11 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित इमर्जिंग कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस (आईसीईसीआई-2023) पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिष्ठित विशेषज्ञों और शिक्षकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग सहित इसके अनुप्रयोगों के साथ-साथ कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस और निर्णय लेने और डेटा माइनिंग में इसकी भूमिका से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, मुख्य अतिथि प्रोफेसर वसीम अहमद, निदेशक, शैक्षणिक कार्यक्रम समिति, एएमयू ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय देश के अग्रणी विश्वविद्यालय में से एक था जिसने 1975 में कम्प्यूटरीकृत रिपोर्ट कार्ड प्रदान करने के लिए कंप्यूटरीकरण किया और विश्वविद्यालय उस समय एक कंप्यूटर केंद्र से तीन अलग अलग इकाइयों में स्थापित किया।

प्रोफेसर वसीम अहमद ने विशेष रूप से भारत में इस क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, ग्राउंड कंप्यूटिंग और अन्य चल रहे अनुसंधान के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की तीव्र प्रगति का भी उल्लेख किया।

उन्होंने विश्वविद्यालय, विशेष रूप से कंप्यूटर विज्ञान विभाग के विश्व रैंक में सुधार के बारे में भी बात की।

मानद् अतिथि के रूप में बोलते हुए, प्रोफेसर एम. सलीम बेग ने विभाग की उपलब्धियों और अनुसंधान और शिक्षण गतिविधियों में इसकी सफलता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘टाइम्स हायर एजुकेशन, यूके सहित विश्व रैंकिंग में विभाग की बेहतर रैंकिंग, और गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान और शिक्षण गतिविधियां विभाग और विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय हैं।‘

प्रोफेसर बेग ने आगे कहा कि कंप्यूटर साइंस विभाग विश्वविद्यालय के उन सात विभागों में से एक था जिनका उल्लेख टाइम्स हायर एजुकेशन सूची में शामिल किया गया था।

उन्होंने इस बारे में भी अपने विचार साझा किए कि कैसे एआई भविष्य को आकार दे रहा है और इस तेजी से बढ़ते क्षेत्र में योगदान देने में शोधकर्ताओं की भूमिका है। प्रोफेसर बेग ने आने वाले वर्षों में, कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस का क्षेत्र तेजी से बढ़ेगा और जीवन के सभी पहलुओं में इसकी भूमिका होगी।

मुख्य वक्ता प्रोफेसर अब्दुल कय्यूम अंसारी, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली ने मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) कार्यक्रम के इतिहास और शैक्षणिक दुनिया में इसके परिचय की गहनता पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि भारत ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव‘‘ मना रहा है और जी-20 की अध्यक्षता भी कर रहा है, लेकिन इनके साथ-साथ देश को भारत में कंप्यूटर विज्ञान की सफलता का भी जश्न मनाने की जरूरत है।

उन्होंने क्षेत्र में हुई प्रगति पर चर्चा की और  वेक्स-11 मशीन का उपयोग करने की अपनी यादों को साझा किया। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अनुसंधान की वर्तमान स्थिति और भारत में इसकी प्रगति पर भी प्रकाश डाला।

इससे पहले, सम्मेलन के संयोजक प्रोफेसर आसिम जफर, अध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस विभाग ने अतिथियों का परिचय दिया और कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि ‘सम्मेलन प्रतिभागियों को अत्याधुनिक अनुसंधान, साथियों के साथ नेटवर्क और विचारोत्तेजक बातचीत में भाग लेने के बारे में सीखकर अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने का अवसर देगा। प्रोफेसर जफर ने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रमों के दौरान 15 सत्र आयोजित किये जाएंगे। जिसमें दस तकनीकी सत्र और दो पूर्ण सत्र शामिल हैं।

डा अरमान रसूल फरीदी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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